नाबालिग छात्रा यौन उत्पीड़न मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे है। आसाराम बापू के जेल से बाहर आने की उम्मीदों को बड़ा झटका लगा है। Asaram Bapu सुप्रीम कोर्ट ने फिलहाल उन्हें जमानत देने से इनकार कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आसाराम के खिलाफ रेप केस की सुनवाई गुजरात में चल रही है। ऐसे में जमानत नहीं दी जा सकती। सुप्रीम कोर्ट अब इस याचिका पर जनवरी में दोबारा सुनवाई करेगा।
सुप्रीम कोर्ट ने फिलहाल जमानत देने से किया इनकार
जोधपुर जेल में बंद आसाराम की ओर से सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर बढ़ती उम्र के साथ कई बीमारियों के इलाज के लिए जमानत देने का आग्रह किया गया था। जेल में रहते हुए उनकी कुछ बीमारियों का इलाज संभव नहीं है। यह भी कहा गया कि आसाराम से जुड़े मामले की सुनवाई में काफी समय लग रहा है। इसके जल्द पूरा होने की कोई संभावना नहीं है। उधर आसाराम बापू को जमानत दिए जाने का विरोध करते हुए सरकारी वकील की ओर से कहा गया। कि आसाराम को कोई गंभीर बीमारी नहीं है। उनके खिलाफ मुकदमा भी चल रहा है। ऐसे में जमानत देना उचित नहीं होगा। इस दलील से सहमत होते हुए सुप्रीम कोर्ट ने फिलहाल जमानत नहीं देने का फैसला किया और मामले की अगली सुनवाई जनवरी में तय की।
गुरुकुल में पढ़ने वाली एक नाबालिग छात्रा
आसाराम बापू के गुरुकुल में पढ़ने वाली एक नाबालिग छात्रा ने आरोप लगाया है। कि 15 अगस्त 2013 को आसाराम ने जोधपुर के पास मनाई गांव स्थित एक फार्म हाउस में उसका यौन शोषण किया। 20 अगस्त 2013 को उसने दिल्ली के कमला नगर थाने में आसाराम के खिलाफ मामला दर्ज कराया। जोधपुर का मामला होने के कारण दिल्ली पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज कर जांच के लिए जोधपुर भेज दिया। जोधपुर पुलिस ने आसाराम के खिलाफ नाबालिग से दुष्कर्म का मामला दर्ज किया है।
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जोधपुर पुलिस 31 अगस्त 2013 को आसाराम को इंदौर से गिरफ्तार कर जोधपुर ले आई। तब से आसाराम लगातार जोधपुर जेल में बंद है। 25 अप्रैल 2018 को ट्रायल कोर्ट ने आसाराम को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। इस दौरान उसकी ओर से सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट सहित जिला न्यायालय में 15 से अधिक बार जमानत लेने का प्रयास किया गया। राम जेठमलानी, सुब्रमण्यम स्वामी, सलमान खुर्शीद समेत देश के कई जाने-माने न्यायविद उनकी तरफ से पैरवी कर चुके हैं। इसके बावजूद किसी कोर्ट ने उन्हें जमानत नहीं दी।
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