Dussehra 2021:- प्रदेश के कोटा जिले के नांता क्षेत्र में वर्षो से चली आ रही परंपरा के तहत आज दशहरा के दिन मिट्टी का रावण बनाया जाता है. उसके बाद लोगों के समूह के द्वारा रावण(kota dussehra news) को पैरों से कुचल कर उसका अंत किया जाता है.
बुराई के प्रतीक रावण(Ravan) को लोगों ने अपने पैरों के नीचे कुचला कर मारने की परंम्परा चलती आ रही है. कोटा जिले के जेठी समाज(Kota Jethi samaj) की ओर से यह खास परंपरा का आयोजन किया जाता है. बुराई रूपी रावण के अंत की यह खास परंपरा कोटा जिले के जेठी समाज की तरफ से निभाई जाती है. तकरीबन 110 वर्षों से यह खास परंपरा निभाई जा रही है.
कोरोना महामारी के चलते इस बार कोटा में प्रसिद्ध दशहरा मेला(kota dussehra news) नहीं लगाया जा रहा है. हर साल कोटा में विशाल रावण दहन किया जाता है लेकिन इस बार कोटा जिले का रावण भी कोरोना वायरस की चपेट में आ गया है. परन्तु इस बार कोटा में 101 फिट की जगह महज 25 फिट के रावण के पुतले को जलाया जाएगा. जबकि कुंभकर्ण और मेघनाथ के महज 15-15 फिट के पुतले जलाए जाएगे.
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