यह मामला इसलिए भी बेहद संवेदनशील है,कि पीएम मोदी ने 31 अक्टूबर को ही इस लाइन का उद्घाटन किया था। और G-20 की मीटिंग होने वाली है। इसके अलावा धमाके से चार घंटे पहले ही इसी ट्रैक से ट्रेन निकली थी। Udaipur Ahmedabad ट्रैक से अहमदाबाद-उदयपुर-असरवा ट्रेन नंबर 19703 और 19704 रोजाना गुजरती है। तथा ट्रेन गुजरने के दौरान ब्लास्ट होता तो बड़ा हादसा हो सकता था। धमाके के बाद ट्रैक से गुजरने वाली ट्रेन को डूंगरपुर में ही रोक दिया गया । ट्रेन में 665 यात्री सफर कर रहे थे।
ब्लास्ट आतंकी साजिश है,
आशंका क्यों : फिलहाल में पुलिस घटना को आतंकी हमले से भी जोड़कर देख रही है। इसकी वजह यह है, कि केंद्र सरकार ने हाल ही में (पीएफआई) पर बैन लगाया था। पीएफआई नेताओं की भी गिरफ्तारी की गई थी। हालांकी अभी तक इस बात के ठोस सबूत नहीं मिले हैं।
Police investigation : रेलवे के अधिकारियों ने उदयपुर के झावर माइंस थाने में सुपर पावर 90 डेटोनेटर मिलने पर आतंकी घटना के तहत ही एफआईआर दर्ज कराई है। एफआईआर में विस्फोट के बाद की पूरी स्थिति के बारे में बताया गया है। तथा ब्रिज पर विस्फोट कर देश की सुरक्षा खतरे में डालने की बात को लिखा गया है। NSG, NIA, IB की टीमें ट्रैक के साथ ही आसपास के गांवों में भी सबूत ढूंढ रही है।
क्या ये नक्सली हमला है
आशंका क्यों है। क्योकि दक्षिणी राजस्थान में काफी समय से आदिवासी राज्य बनाने की मांग की जा रही है। ऐसे में माना जा रहा है। कि ब्लास्ट में आदिवासी कट्टरपंथी का भी हाथ हो सकता है। और कई बार विरोध-प्रदर्शन भी किया जा चुका है। तथा (राजस्थान, महाराष्ट्र, गुजरात व मध्यप्रदेश) में जनजाति समुदाय से लंबे समय से भील प्रदेश की मांग हो रही है । तो 4 राज्यों से करीब 42 जिलों काे शामिल करके मांग की जा रही थी। लेकिन राजस्थान से 28 लाख, गुजरात में 34 लाख तथा महाराष्ट्र में 18 लाख और मध्यप्रदेश में 46 लाख की जनसंख्या निवास करती है।
खासतौर से कौन-कौन से जगहो से : राजस्थान राज्य में डूंगरपुर, बांसवाड़ा,उदयपुर, प्रतापगढ़, सिरोही, राजसमंद, चितौड़गढ़, जालोर, बाड़मेर, पाली जिले से मांग की जा रही है।
उदयपुर जिले में काफी संख्या में माइंस है।और कई बार माइंस काे लेकर विरोध हो चुके जाते हैं। तथा माइंस से ब्लास्टिंग के जरिए पत्थर निकाले जाते हैं। ऐसे में पुलिस के सूत्रों का मानना है। कि दुकानों से भी डेटोनेटर लेकर विस्फोट किया जा सकता है।
क्या ये किसी की शरारत थी या नहीं
रेलवे ट्रैक पर डेटोनेटर का रैपर व बारूद भी पड़ा हुआ मिला था। और वहा पर किसी तरह का टाइमर व अन्य इलेक्ट्रानिक उपकरण नहीं मिले हैं। पुलिस का कहना है। कि हो सकता है। कि किसी ने शरारत करने के लिए डेटोनेटर से ब्लास्ट कर दिया हो। इस मामले की investigation के दौरान चौंकाने वाला सच भास्कर टीम के सामने आया है । और इंटरनेट पर ई-कॉमर्स वेबसाइट पर बम बनाने का सामान ऑनलाइन मिल रहा है। कई ई-कॉमर्स वेबसाइट ऑनलाइन ऑर्डर पर होम डिलीवरी कर देते है।
इसके लिए पहले ही फोन कर अकाउंट में रुपए जमा करवाने होते हैं।और सुपर 90 डेटोनेटर सहित बम ब्लास्ट का पूरा सामान मिल जाता है।और सरकार ने पोर्न फिल्म दिखाने वाली website को बैन कर दिया है। लेकिन बम ब्लास्ट का सामान ऑनलाइन आराम से मिल रहा है।
सोमवार को दिनभर जांच में ही जुटी रहीं टीमें
दिल्ली से NSG की टीम के तीन अधिकारी सोमवार सुबह 10 बजे रेलवे ट्रैक पर पहुंच गए। ट्रैक के आसपास टीम ने तलासी की। फिर कुछ अहम सबूत भी जुटाए हैं। करीब डेढ़ घंटे तक वहां के गांवों में भी टीम ने पहुंच कर पूछताछ कीया। ब्लास्ट को लेकर NSG, NIA, IB की अलग-अलग टीमें जांच कर रही हैं। टीमों को किसी तरह का टाइमर, इलेक्ट्रानिक उपकरण बरामद नहीं मिला है। तथा किसी तरह का सीसीटीवी फुटेज भी नहीं मिला है।
Udaipur रेलवे ब्रिज पर हुए विस्फोट की जांच ATS-SOG को दी गई है। सीएम अशोक गहलोत ने सोमवार शाम को हाईलेवल मीटिंग करके पूरे मामले का रिव्यू किया। फिर राजस्थान एटीएस व एसओजी से जांच कराने का फैसला किया गया। ATS के ADG अशोक राठौड़ की अगुवाई में टीम आज घटनास्थल पर जाकर जांच शुरू करेगी।
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