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एक हेल्पलाइन नंबर पर मिलेगी सभी Emergency सेवाए

Emergency-number

राजस्थान सरकार ने अब इमरजेंसी सेवा होने पर एक कॉल (Emergency helpline numbers) पर एम्बुलेंस,

दमकल और पुलिस की सुविधा मिलेगी. प्रदेश में अब 100 के साथ Dial 112 करने पर तुरंत

सहायता मिलेगी. प्रदेश में एक बड़ी पहल करते हुए 18 December से इमरजेंसी सेवा

(Emergency Response Support System) यानि कि Dial 112 को लागू करने का निर्णय

किया गया है. हालाँकि यह सेवा (Service) संभागीय मुख्यालयों के केंद्रों में शुरू की जाएगी|

Emergency Contact numbers list

  • 100 police
  • 101 fire
  • 102  AMBULANCE
  • 108  AMBULANCE
  • 112  NATIONAL EMERGENCY NUMBER

राज्य सरकार ने आपादा में फंसें व्यक्तियों को अब एम्बुलेंस (Ambulance) सहायता के लिए

102 या 108 , फायर(Fire) के लिए 101 और पुलिस (Police) के लिए 100 करने की बजाय

केवल अब 112 पर कॉल करना होगा. भिवाड़, अलवर और भरतपुर जिलों को ERSS पायलट

प्रोजेक्ट में शामिल किया गया था. इसके बाद राज्य सरकार ने लगातार इस प्रोजेक्ट कार्य को लागू

करने के प्रयास किए, परन्तु प्रोजेक्ट कार्य गति नहीं पकड़ पाया. केन्द्र के मुख्य सचिव निरंजन

आर्य की अध्यक्षता में गठित कमेटी स्टेट अपेक्स की 7 December को हुई बैठक में इस प्रोजेक्ट

को लागू करने के सख्त-निर्देश दिए गए. लेकिन इसके बाद मुख्यालय सचिव गृह अभय कुमार ने

बताया कि पुलिस (police ) के उपस्थिति में संसाधनों के साथ ही इसे कार्य को प्रांरभ किया गया है.

प्रदेश में संचालित Command Control Centers में हर दिन औसतन 9.25 लाख कॉल हिट

होते हैं |

  • इनमें से लगभग 14000 लोग औसतन पुलिस सहायता मांगते हैं
  • इन वक्तियो में से 700 सहायता मांगने में प्रकरणों में police औपचारिक रूप से इन सब की मदद करती है
  • प्रदेश में वर्तमान समय में फील्ड में पुलिस थानों की संख्या 826 शामिल है
  • police Control Room के मार्फत औसतन में प्रति थाना एक ही इवेंट क्रिएट होती है.

इसके बाद प्रदेश के पांच जिलों में झालावाड़ चूरू , चित्तौड़गढ़ , राजसमंद और सवाई माधोपुर में

new निर्मित command control सेंटर्स के 18 december को लोकार्पण के साथ ERSS

को लागू करने का निर्णय लिया गया |

  • ERSS सिस्टम पहले भाग में 7 पुलिस रेंज केंद्रों के मुख्यालयों, जैसे की कमिश्नरेट, अलवर-भिवाड़ी,
  • भरतपुर जयपुर-जोधपुर जिलों में शुरू किया जाएगा.
  • दूसरे भाग में 25 police जिलों (Districts) के मुख्यालयों के नर्देशक शहरों
  • तीसरे भाग में शेष 145 शहरा निकायों में लागू किया गया था
  • इस पूरे स्टाफ की सफलता घटना स्थल पर जल्द से जल्द पहुंचने की निर्भरता पुलिस पर होगी .
  • ERSS के लिए DGP के लिए डेशबोर्ड बनाया जाएगा
    -वर्तमान समय में पुलिस Control से जुड़े 211 दोपहिया परिहन एवं160 चौपहिया परिहन ही मौजूद हैं.
  • ये परिहन पर्ण command कंट्रोल सेंटर के लिए डेडिकेटेड फस्ट्र रेस्पॉन्स वाहन उपलब्द होंगे.
  • इन वाहनो में मोबाइल डाटा ट्रैकर भी इस्तेमाल भी होगा.
  • 181 के अनुसार Rajasthan सम्पर्क portal पर police से समलित सेवाएं उप्योग के लिए व्हाटसएप के जरिए
  • Emergency helpline numbers पर आप शिकायत दर्ज करवा सकोगे
  • कमांड कंट्रोल सेंटर बन जाने के बाद सूचनाओं का आदान-प्रदान एवं घटना स्थल को ऑन लाइन ट्रैकिंग की
  • सारी व्यवस्था RISL ने की है.
    -इंटीग्रेटेड के लिए All रेंज IG -police कमिश्नर अधिकारी मौजूद होंगे.
एक हेल्पलाइन नंबर पर मिलेगी सभी Emergency सेवाए

केवल एक नंबर डायल करने से मिलेगी इमरजेंसी सेवा राजस्थान सरकार ने अब इमरजेंसी सेवा होने

पर एक कॉल (Emergency helpline numbers) पर एम्बुलेंस, दमकल और पुलिस की सुविधा मिलेगी. प्रदेश

में अब 100 के साथ Dial 112 करने पर तुरंत सहायता मिलेगी. प्रदेश में एक बड़ी पहल करते हुए

18 December से इमरजेंसी सेवा Emergency Response Support System यानि

कि Dial 112 को लागू करने का निर्णय किया गया है हालाँकि यह सेवा (Service) संभागीय

मुख्यालयों के केंद्रों में शुरू की जाएगी. राज्य सरकार ने आपादा में फंसें व्यक्तियों को अब एम्बुलेंस

सहायता के लिए 102 या 108 , फायर के लिए 101 और पुलिस के लिए 100 करने की बजाय

केवल अब 112 पर कॉल करना होगा. भिवाड़, अलवर और भरतपुर जिलों को ERSS पायलट

प्रोजेक्ट में शामिल किया गया था. इसके बाद राज्य सरकार ने लगातार इस प्रोजेक्ट कार्य को लागू

करने के प्रयास किए, परन्तु प्रोजेक्ट कार्य गति नहीं पकड़ पाया. केन्द्र के मुख्य सचिव निरंजन

आर्य की अध्यक्षता में गठित कमेटी स्टेट अपेक्स की 7 december को हुई बैठक में इस प्रोजेक्ट

को लागू करने के सख्त-निर्देश दिए गए. लेकिन इसके बाद मुख्यालय सचिव गृह अभय कुमार ने

बताया कि पुलिस (police ) के उपस्थिति में संसाधनों के साथ ही इसे कार्य को प्रांरभ किया गया है.

प्रदेश में संचालित Command Control Centers में हर दिन औसतन 9.25 लाख कॉल हिट

होते हैं |

  • इनमें से लगभग 14000 लोग औसतन पुलिस सहायता मांगते हैं
  • इन वक्तियो में से 700 सहायता मांगने में प्रकरणों में police औपचारिक रूप से इन सब की मदद करती है
  • प्रदेश में वर्तमान समय में फील्ड में पुलिस थानों की संख्या 826 शामिल है
  • police Control Room के मार्फत औसतन में प्रति थाना एक ही इवेंट क्रिएट होती है.

इसके बाद प्रदेश के पांच जिलों में झालावाड़ चूरू , चित्तौड़गढ़ , राजसमंद और सवाई माधोपुर में

new निर्मित command control सेंटर्स के 18 December को लोकार्पण के साथ ERSS को

लागू करने का निर्णय लिया गया |

  • ERSS सिस्टम पहले भाग में 7 पुलिस रेंज केंद्रों के मुख्यालयों, जैसे की कमिश्नरेट,
  • अलवर-भिवाड़ी, भरतपुर जयपुर-जोधपुर जिलों में शुरू किया जाएगा.
  • दूसरे भाग में 25 police जिलों (Districts) के मुख्यालयों के नर्देशक शहरों
  • तीसरे भाग में शेष 145 शहरा निकायों में लागू किया गया था
  • इस पूरे स्टाफ की सफलता घटना स्थल पर जल्द से जल्द पहुंचने की निर्भरता पुलिस पर होगी .
  • ERSS के लिए DGP के लिए डेशबोर्ड बनाया जाएगा
    -वर्तमान समय में पुलिस Control से जुड़े 211 दोपहिया परिहन एवं160 चौपहिया परिहन ही मौजूद हैं.
  • ये परिहन पर्ण command कंट्रोल सेंटर के लिए डेडिकेटेड फस्ट्र रेस्पॉन्स वाहन उपलब्द होंगे.
  • इन वाहनो में मोबाइल डाटा ट्रैकर भी इस्तेमाल भी होगा.
  • 181 के अनुसार Rajasthan सम्पर्क portal पर police से समलित सेवाएं उप्योग के लिए व्हाटसएप के जरिए
  • आप शिकायत दर्ज करवा सकोगे
  • कमांड कंट्रोल सेंटर बन जाने के बाद सूचनाओं का आदान-प्रदान एवं घटना स्थल को
  • ऑन लाइन ट्रैकिंग की सारी व्यवस्था RISL ने की है.
    -इंटीग्रेटेड के लिए All रेंज IG -police कमिश्नर अधिकारी मौजूद होंगे.

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