तप, साधना, त्याग और संयम का महापर्व चैत्र नवरात्र (Navratri) मंगलवार से शुरू हो रहा है। नवरात्र के प्रथम दिन विधिविधान से घट स्थापना के साथ आदिशक्ति मां दुर्गा के शैलपुत्री स्वरूप का पूजन, भव्य शृंगार किया जाएगा। माता की निमित्त अखंड ज्योति जलाकर भक्त 9 दिनों तक व्रत का संकल्प लेंगे। मन्दिरों और घरों में 9 दिनों तक श्रद्धापूर्वक देवी की पूजा-अर्चना की जाएगी। तप, जप, हवन, यज्ञ, अनुष्ठान करके भक्त बीमारियों से मुक्ति की कामना करेंगे। हिन्दू पंचांग के मुताबिक, नवरात्र के सहित ही नवसंवत्सर (hindu new year in hindi) की शुरुआत भी होगी.
नवरात्रि
नवरात्र का (Chaitra Navratri) समापन 22 अप्रैल 2021 को होगा। कोरोना महामारी को देखते हुए शक्तिपीठ कल्याणी देवी, अलोपशंकरी देवी, ललिता देवी, समेत सभी देवी मंदिरों में प्रात शारदीय नवरात्रि बजे से पट खुलने के बाद भक्त पूजा-अर्चना करना शुरू कर देंगे। मंदिर कमेठीयों ने सोशल डिस्टेंसिंग के लिए मंदिरों में गोल घेरे बनाए गए हैं। मंदिर को सेनेटाइजर और मास्क की व्यवस्था की गई है। मंदिरो के प्रवेश दवार पर श्रदालुओं की थर्मल स्कैनिंग भी की जाएगी। कोविद-19 गाइडलाइन के अनुसार रात नो बजे के बाद मन्दिर के प्रवेश दवार बन्द हो जाएंगे। हालांकि इस बार इस अवसर के समय त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को देखते हुए मंदिरों में पुलिस बल कम तैनात रहेंगे। इस कारण पांच-पांच श्रदालुओं को एक साथ पूजन-अर्चना के लिए भेजने की व्यवस्था की गई है जिसकी जिम्मेदारी मन्दिर परिषद की रहेगी।
अमृत सिद्धि व सर्वार्थ सिद्धि योग में घटस्थापना
नवरात्र पर अमृत सिद्धि व सर्वार्थ सिद्धि योग ने घटस्थापना की जाएगी। इस बार माता दुर्गा का अश्व पर आगमन होगा और प्रस्थान मनुष्य के कंधे पर होगा। स्थापना का शुभ मुहूर्त प्रात तिथि में सूर्योदय 5:43 से सुबह 8:46 बजे तक रहेगा.
माता दुर्गा के पूजन के लिए सामग्री
घटस्थापना के लिए सात तरह के अनाज, कलश, गंगाजल, पवित्र स्थान की मिट्टी, आम के पत्ते, कलावा, सुपारी, नारियल, फूल, अक्षत, फूलमाला, मिठाई, लाल कपड़ा, दूर्वा, सिंदूर, हल्दी, कपूर, दूध, घी, आदि वस्तुएं जरूरी हैं. ज्योतिषाचार्य नारायण द्विदेदी के मुताबिक 14 अप्रैल बुधवार सुबह भोर 4.40 बजे सूर्य मेष राशि के प्रवेश करेंगे।
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