किसान आंदोलन कानूनों को रद्द करने के लिए सरकार से बातचीत को तैयार

किसान आंदोलन कानूनों को रद्द करने के लिए सरकार से बातचीत को तैयार

किसान आंदोलन: प्रदर्शन कर रहे किसान संगठन ने शनिवार को सरकार से बात करने के लिए तैयार हुए, परन्तु कहा है की हमे नया कृषि कानून प्रस्ताविक होना चाहिए और कृषि कानूनों को एक-डेढ़ साल के लिए निलबिंत करना हमे स्वीकार नहीं है .किसान संगठन ने साफ कर दिया है की तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करने के बारे में ही बातचीत होनी चाहिए.

किसान यूनियन ने सरकार से साफ कह दिया

सिंघू बॉर्डर पर किसानों नेताओं के वरिष्ट नेता दर्शनपाल ने कहा है की अब हमे सरकार को सब कुछ बता दिया है सरकार अब क्या करती है .अब उन्हें तह करना होगा और किसान आंदोलन के नेताओ ने सरकार से बात करने के लिए तैयार हुए है. लेकिन अब की बातचीत में कानूनों को वापस लेने पर ही बात होनी चाहिए .इस से पहले की वार्ता में सरकार ने कृषि कानूनों को एक से डेढ़ साल के लिए निलबित करने की बात कही थी लेकिन उन्हें नया प्रस्ताव लाने की जरूरत है.

देशभर में किसान आंदोलन का समर्थन किया जा रहा :- किसान आंदोलन

शनिवार (6 फरवरी 2021 ) को किसानों के द्वारा किया गया चक्का जाम का सभी देशवासियों ने समर्थन किया इससे साबित होता है,, की देशभर में नए कृषि कानूनों के खिलाफ लोग एकजुट है और वहीं कई नेताओं और विपक्षी दलों ने किसानों के द्वारा शनिवार को किये गये चक्का जाम का समर्थन करते नजर आए, परन्तु कांग्रेस सरकार किसानों आंदोलन का समर्थन पहले से करती जा रही है.

इसी दौरान गाजीपुर बॉर्डर पर किसान आंदोलन का नेतृत्व कर रहे राकेश टिकैत ने कहा है की केंद्र सरकार के द्वारा पारित काले कृषि कानूनों को सरकार को वापस लेना होगा, और एमएसपी कानून की सरकार को सुनिश्चित गारंटी देने होगी तभी किसानों की घर वापसी होगी.

यह भी पढ़े:- किसान बजट 2021: किसानों को लागत मूल्य से अधिक MSP दिया जाएगा

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